- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
पलको के अस्को से,
नींद के साये से।।
आयी है याद तुम्हारी,
कुछ खट्टी कुछ मिठी।।
कर गयी दिवाना हाल,
दिखा के हुस्न का जाम।।
आयी है याद तुम्हारी,
कुछ खट्टी कुछ मिठी।।
छोटे से दिल में अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ में पहचान कोई रखना,
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास,
अपने होठो पे सदा मुस्कान वही रखना!!
रास्ते ख़त्म हो जाते है चलते चलते,
उमर युही बीत जाती है किसी को चाहते चाहते,
लफ्ज़ थक जाते है किसी का नाम लेते लेते,
पर दिल नही थकता उसकी याद में रोते रोते..
राहत मिलती है याद आने से उनकी
मानो लफ्जो को आदत है उनकी ,
है जिंदगी अब कुछ भुली-बिसरी यादो की
शायद यही राह है गुमनामी की
नींद के साये से।।
आयी है याद तुम्हारी,
कुछ खट्टी कुछ मिठी।।
कर गयी दिवाना हाल,
दिखा के हुस्न का जाम।।
आयी है याद तुम्हारी,
कुछ खट्टी कुछ मिठी।।
छोटे से दिल में अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ में पहचान कोई रखना,
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास,
अपने होठो पे सदा मुस्कान वही रखना!!
रास्ते ख़त्म हो जाते है चलते चलते,
उमर युही बीत जाती है किसी को चाहते चाहते,
लफ्ज़ थक जाते है किसी का नाम लेते लेते,
पर दिल नही थकता उसकी याद में रोते रोते..
राहत मिलती है याद आने से उनकी
मानो लफ्जो को आदत है उनकी ,
है जिंदगी अब कुछ भुली-बिसरी यादो की
शायद यही राह है गुमनामी की
Comments
Post a Comment